रोहतक: एक बार फिर आशा वर्कर्स आंदोलन के मूंड में नजर आ रही हैं। अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर्स यूनियन द्वारा 1 मार्च को विरोध प्रर्दशन निकाला गया। जिसमें शहर की तमाम आशा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आशा वर्कर्स यूनियन ने अपनी मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है जो शुक्रवार को रोहतक के डीडीपीओ राजपाल चहल को सौंपा गया। इस दौरान आशा वर्करों द्वारा मानसरोवर पार्क से लेकर डीसी ऑफिस तक विरोध प्रर्दशन यात्रा निकाली गई।
वहीं आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार की मनसा ठीक नहीं है वो अपने वायदों पर खरा नहीं उतर रही है। 2018 से ही सरकार के सामने मांग रख रहें है जिन पर अभी तक कुछ नहीं किया गया। हमें सुविधाओं से एक तरह से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि 2018 को हुए समझौते को पूरा करें और हड़ताल के दौरान मंजूर किए गए भत्ते को आशा वर्कर्स तक पहुँचाए।
आशा वर्कर्स की ये हैं मुख्य मांगे:
मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में आशा वर्कर्स व आशा वर्कर्स यूनियन द्वारा आठ मांगे रख्री गई है जो इस प्रकार है:-
1. समझौते के अनुसार हड़ताल के दौरान हुए आशा वर्कर्स के 4000 रूपये फिक्स पूरे दिए जाए।
2. आशा वर्कर को योग्यता के आधार पर पदोन्नति दी जाए। सरकारी नौकरी लगने के लिए पांच नंबर की पेपर में छूट दी जाए।
3. आशा पे ऐप और गाइड लाइन में जरूरी सुधार करते हुए दूसरे जिले में होने वाली डिलीवरी का बेनिफिट तुरंत आशाओं को दिलवाया जाए।
4. आशाओं के डेथ क्लेम को बढ़ाया जाए। आशाओं के लिए बैंक लोन और कुछ अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाए।
5. आशा की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए।
6. आशा फैसिलिटेटर की विजिट की प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जाए और रिपोर्टिंग की प्रोत्साहन राशि दी जाए।
7. आशाओं के ड्रेस के पैसे को बढ़ाया जाए, धुलाई भत्ता दिया जाए।
8. रेवाड़ी में बदले की भावना से हटाई गई आशाओं को वापस पद दिया जाए।