सी आर लॉ के छात्रों ने अपने मत और विचारों में कहा, काम करने वाला और अच्छी छवि का हो हमारा नेता

Amit Grewal
सी आर लॉ के छात्रों ने रखा अपना मत।

रोहतक। चुनावी प्रक्रिया जोरो शोरों पर है राजनीतिक पार्टियों के दावेदावर प्रचार प्रसार में जुट गए हैं। देश भर में लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान अलग अलग चरणों में होंगे। इस दौरान अपने अपने नेता और प्रतिनिधि को चुनने के लिए आमजन नेताओं का आंकलन उनके कार्यों और छवि के साथ कर रहे हैं। नव मतदाता भी इस बार पूरी तरह तैयार है अपने नेता चुनने में। उनसे पूच्छा गया कि आपका नेता कैसा हो? तो विभिन्न तरह के तथ्यात्मक और विश्लेषात्मक उनके जवाब में।भूमि दर्पण टीम 24 के साथ हुई विशेष वार्ता में सी आर लॉ के छात्र-छात्राओं ने अपने अपने मत और विचार के माध्यम से बताया कि उनका नेता कैसा हो ?


एक नजरः रोहतक के सीआर कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन में विद्यार्थियों ने दिए मताधिकार पर अपने मत


छात्रा यश ने बाताया ईमानदार और देश भक्त होना चाहिए। प्रकृति ने कहा हमार प्रतिनिधि लीडर ऐसा हो जो ग्राउंड लेवल पर काम करे। लोगों की आशाओं और आकांशाओं को समझे। नेता जो लोगों के लिए अच्छे से काम करे। हमारी शिक्षा व्यवस्था में नैतिक शिक्षा को ऐड किया जाए तथा कौशल अधारित हो। हर्ष राठी ने बताया की हमारा नेता ईमानदार तो ही, साथ ही जो देश को आगे बढ़ाए तथा युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न करें। हर्ष ने कहा कि जो राजनीतिक व्यवस्था में निरंतर फेरबदल देखे जाते है वो ठीक नहीं है, चुनाव साफ होने चाहिए।

सुभम ने बताया कि सरकारें आरक्षण देती है वो ठीक नहीं है। मेरा मानना तो ये है कि उसको भी खत्म किया जाए। वही दूसरी छात्रा ने उसका जवाब देते हुआ कि एक जगह आरक्षण ठीक है। क्योंकि आरक्षण आर्थिक रूप से आधारित लोगों पर लागू होता है वो जातिगत या सामुदाय के आधार पर नहीं होनो चाहिए।

छात्र विनोद ने बताया कि अक्सर चुनावों में देखा जाता है कि नेता वायदे करते हैं लेकिन उन पर खरा नहीं उतर पाते हैं। छात्र ने राजनीति पार्टी पर व्यंग्य करते हुए उदाहरण के साथ अपनी बात रखी। उन्होंने टिकट सिस्टम के बारे में कहा कि निष्पक्ष रूप से काम करने वाले व्यक्ति को टिकट मिलना चाहिए। वो जात-पात व पक्ष-पात की राजनीति को बढ़ावा न दें।


एक नजरः छोटू राम पॉलिटेक्निक रोहतक में 63 वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का समापन हुआ।


अक्षिता छात्रा ने चुनाव वालेट पेपर पर होने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट का भी यही मानना और कहना है कि चुनाव वालेट पर पेपर होना चाहिए। जब एक क्षेत्र के विकास की बात कह दी जाती है तो विजेता पार्टी उनको पूरा नहीं कर पाती। उन्होंने पीजीआई बांन्ड पॉलिसी और अरावली पर्वत विषय पर बात रखते हुए हाल दौर में विकास की गति दर को बताया।

छात्र प्रिंस ने कहा कि कोई पार्टी ऐसी नहीं है जो अपने वायदे को सौ प्रतिशत पूरा कर सके। एक आम आदमी भी अपने वायदों को पूरा नहीं कर पाता है। तो पार्टियों से क्या उम्मीद रखनी है?। सरकारें पक्ष विपक्ष में रहकर कार्य करती है, विपक्ष मजबूत हो तो सत्ता में काम कर रही पार्टी अपने आप काम करने लग जाएगी।

चुनावों में महिलाओं की भागीदारीः

छात्रों ने बताया कि महिलाओं की भागीदारी कम है अगर महिलाओं को चुन भी लिया जाता है तो भी उनके प्रतिनिधि या रिश्तेदारों को विकास के रण में उतार देते हैं। अगर महिलाओं को अवसर दिए जाए तो वो भी अच्छा काम कर सकती है।

 

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