नई दिल्ली । शनिवार को आयोजित फर्स्टपोस्ट रक्षा शिखर सम्मेलन में सेना प्रमुख पहुंचे थे । सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि देश की सुरक्षा के संरक्षक के रूप में हम अपनी विकास आवश्यकताओं के लिए आयात निर्भरता से पूरी तरह दूर रहने की आवश्यकता से अवगत हैं। भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए हमारी रणनीतिक योजना में यह पहलू महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और दुनिया भर में चल रहे युद्धों ने सेना की महत्ता समझाई है। संघर्षों ने महत्वपूर्ण सैन्य घटकों के लिए बाहरी निर्भरता का प्रभाव दिखाया है। सैन्य प्रमुख ने कार्यक्रम में कहा कि हमारी रक्षा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। रक्षा बल भविष्य के लिए तैयार रहेंगे और सेना परिवर्तनों के अनुरूप रहेगी। प्रौद्योगिकियां पारंपरिक युद्ध के तरीके को बदल रहीं हैं।
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सेना के आधुनिकरण पर दिया जोर
दिल्ली में आयोजित रायसीन डायलॉग कार्यक्रम में एक दिन पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हाल के सभी संघर्षों में फिर चाहे वह इस्राइल हमास युद्ध हो या यूक्रेन रूस युद्ध, जंग की प्रकृति में बदलाव आया है। इसलिए हमें अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग को अपनाने की जरूरत है। तकनीके हाल में काफी अधिक किफायती और सुलभ होती जा रही हैं। हमें अब समुद्री क्षमताओं में निवेश की आवश्यकता है। कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका के यूएस इंडो पैसिफिक कमांड के कमांडर एडम जॉन सी एक्विलिनो ने कहा कि हमें अपने बल की रक्षा करनी चाहिए। वाणिज्य के मुक्त प्रवाह की रक्षा करनी चाहिए।