साहसिक गतिविधियों के साथ एमडीयू एनएसएस YLTC कैंप का हुआ समापन, आखिरी दिन भावुक दिखे स्वयं सेवक

Amit Grewal
एमडीयू के एनएसएस सैल द्वारा धानाचूली उत्तराखंड में आयोजित युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर।

एमडीयू के एनएसएस सैल द्वारा धानाचूली उत्तराखंड में आयोजित युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर YLTC (29-03-2024 से 06-04-2024) का शुक्रवार को समापन हुआ। 5 अप्रैल को कैंप का आखिरी दिन रहा। स्वयं सेवक सुबह कैंप समापन समारोह और फोटो सेरेमनी के बाद नैनीताल उत्तराखंड में भ्रमण के लिए निकले। माल रोड़ घुमने के बाद शाम चार बजे एमडीयू रोहतक के लिए रवाना हुए। 6 अप्रैल को कैंप के 27 स्वयं सेवकों का दल प्रातः साढ़े चार बजे सुरक्षित और शांति पूर्व ढंग से पहुंचा। इस कैंप के खत्म होने के बाद स्वयं सेवक भावुक भी नजर आए। उनका कहना था कि हम घर नहीं जाना चाहते, हमें कैंप में रहना है और भी बहुत कुछ सीखना है।


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एमडीयू एनएसएस कॉर्डिनेटर प्रोफेसर तिलकराज ने कैंप से लौटने के बाद स्वयं सेवकों से कैंप फीडबैक लिया। साथ इस सुरक्षित कैंप और सफर के संपन्न होने पर उन्होंने सभी स्वयं सेवकों को शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा कि आप उन स्वयं सेवको में से हैं, जो यूथ लीडर बनने का कौशल अर्जन करके आए हैं। अपने महाविद्यालयों और विभागों में कैंप की गतिविधियों को जरूर साझा करें।

कुछ यू रहां सफरः

शुक्रवार 29 मार्च को एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक प्रो. तिलक राज ने स्वयं सेवकों के दल को एमडीयू रोहतक से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर एनएसएस प्रकोष्ठ संदीप कुमार, मोहित कुमार व सियासते कालेज से कार्यक्रम अधिकारी सविता यादव मौजूद रहे।

कैम्प का 30 मार्च को प्रथम दिन रहा जिसमें वालंटियर्स ने सुबह आराम फरमाया और दोपहर बाद कैम्प गतिविधियां शुरू की गई, जिसमें खजाने की खोज, मैक्स स्ट्रेच, जकुजा, जल ही जीवन है, स्नेच द बोतल और चाइनीज़ विसपर (बात का बतंगड़) शामिल रही।

स्वयं सेवकों को कैंप गतिविधि करवाते कैंप कॉर्डिनेटर जीवन सिंह डंगवाल।

वहीं कैंप के दूसरे दिन साहसिक गतिविधियाँः लेडर क्लाइम्बिंग और फ्रेंडशिप लेडर करवाया गया। दोपहर बाद इंस्ट्रक्टर गणेश सिंह बिष्ट के नेतृत्व में 7 से अधिक किलोमीटर की हैकिंग करते हुए वहां के पर्यावरण, प्रकृति, रहन-सहन के बारे में जानकारी अर्ज़ित दी गई। रात्रि भोजन के समय ‘‘माफिया’’ गेम खेला गया।


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एक अप्रैल को कैंप के तीसरे दिन रैपलिंग (90 फीट), स्विमिंग, कालसा रीवर में क्लिप जंपिंग, पिंग पैंग पोंग व कितने भाई कितने जैसी गतिविधियां करवाई गई। जो विद्यार्थियों के लिए काफी मजेदार और ज्ञानावर्धक रही। इस मोके पर निडर और साहस के साथ स्वयं सेवकों ने पहाड़ों के ठंडे पानी में खूब छलाँग लगायी और खूब मस्ती की।

एनएसएस वाईएलटीसी कैंप उत्तराखंड के धनाचुली में चला। 300 फीट रैपलिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, कॉइन टॉस, डॉग एंड दा बॉन्स व एडवांस चाइनीज विसपर (नोन वर्बल) गतिविधियों से स्वयं सेवक साहस से भरे और निडरता के साथ चौथे दिन की सभी एक्टीविटी की। वहीं उसी दिन मुक्तेश्वर मंदिर में दर्शन भी किए।

21 किलोमीटर की पदयात्रा:

युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर के पांचवे दिन थकने, चलने, रुकने और बढ़ने का सिलसिला रहा। 3 अप्रैल को सुबह के समय लंबी दाढ़ी वाले बाबा, पिज्जा एंड पाइनेपल और ट्रिकी नंबर जैसी गतिविधि करने के बाद स्वयं सेवक दिन भर पहाड़ों पर लंबी ट्रैकिंग के लिए निकले। शिखर पर पहुँचने के बाद देर शाम लगभग 21 किलोमीटर की पदयात्रा कर वापिस टेंट शिविर पहुंचे। इसके बाद एसएसएस वालंटियर्स को गाँव के अनुसार काम करने, उनके कल्चर को जानने, उनके रीतिरिवाज और त्योहारों के बारे में जानने के लिए रात्रि वहीं घरों में ठहरने का टास्क मिला।

इंस्ट्रक्टर गणेश सिंह बिष्ट के साथ मौजूद स्वयं सेवक।

यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग कैम्प में 4 अप्रैल को छठे दिन मिनी ओलंपिक आयोजित हुआ। रात्रि गांव का टास्क पूरा करने के बाद कैम्प की गतिविधियां करवाई गई जिनमें मैजिक बॉक्स, बम में है दम, आर्चरी, जिपलाइन, स्पाइडरवेब, माइन फ़ील्ड, की-पंच, बकेट बॉल और प्रेशर बम शामिल रही। इन एक्टिविटी में दोनों टीमों ने शानदार प्रदर्शन कर खूब मस्ती और मनोरंजन किया। इस रात को स्वयं सेवकों ने निडरता से नाईट हेकिंग भी की।

5 अप्रैल को कैंप का आखिरी दिन रहा। इस दौरान स्वयं सेवकों ने सुबह कैंप समापन समारोह और फोटो सेरेमनी के बाद नैनीताल उत्तराखंड में भ्रमण किया। माल रोड़ घुमने के बाद शाम चार बजे एमडीयू रोहतक के लिए रवाना हुए।


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महत्वपूर्ण योगदान:

इस पूरे कैंप को सफल बनाने में एमडीयू प्रकोष्ठ मोहित अहलावत, कैंप इंचार्ज महिला कार्यक्रम अधिकारी सविता यादव, निशांत कुमार, कैंप कॉर्डिनेटर जीवन सिंह डंगवाल, कमलेश सिंह डंगवाल (KD) आउट डॉर इंस्ट्रक्टर, बच्ची सिंह डंगवाल, गणेश सिंह बिस्ट, जगदीश (JD), पंकज डंगवाल, कीचन टीम से योगेश, हरीश सिंह डंगवाल, कैलाश, योगेश व अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

ये स्वयं सेवक रहे शामिलः

टीम लीडर के साथ मौजूद स्वयं सेवक और कैंप इंचार्ज।

कैंप के स्वयं सेवकों को दो टीमों में बांटा गया जिसमें 13-13 स्वयं सेवक शामिल रहे। टीम ”हिरोज” में विरेंद्र दुग्गल, रोहित निशांत हुड्डा, किरण, कुमकुम, मिताली, चंचल, दिक्षा, सविता, शिवानी, प्राची और सिमरनजीत शामिल रहे और हिमांशु अहलावत टीम लीडर की भूमिका में रहे।
वहीं टीम ‘‘हम’’ में पूजा, मोनिका, तन्नू, विनय, कोमल, श्वेता कुमारी, लक्ष्मी, साक्षी, नीतू, श्वेता पहल, देवराज ढांगी, प्रवेश शामिल रहे और प्रियांशु मलिक टीम लीडर की भूमिका में रहे।

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