बाल संरक्षण इकाई द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

Amit Grewal
फाइल फोटो। डीपीआरओ
रोहतक : बाल कल्याण समिति का गठन किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 27 के तहत किया गया है, जिसमें कुल 5 सदस्य होते है जो कि सामाजिक कार्य के अनुभवी होते है। इसी के तहत इकाई के द्वारा जिला विकास भवन के डीआरडीए हाल में जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय की ओर से एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अजय कुमार ने बताया कि समय-समय पर जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा स्टेकहोल्डर्स के लिए कार्यशाला का आयोजन करवाया जाता है। कार्यशाला में किशोर न्याय अधिनियम 2015 तथा पोक्सो अधिनियम 2012 पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। समिति भी 18 वर्ष से कम उम्र के उन बालको के मामलों पर कार्रवाई करती है जिन्हें परिवार ने त्याग दिया, अनाथ हो गए, गुमशुदा अथवा बेसहारा हों। इस प्रकार के बच्चों को उनके परिजनों को सुपुर्द करने का कार्य समिति द्वारा किया जाता है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह ने किशोर न्याय बोर्ड व बाल कल्याण समिति की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किशोर न्याय बोर्ड में 18 वर्ष से कम उम्र के उन्हीं बालकों को प्रस्तुत किया जाता है, जो किसी भी प्रकार से कानून के संपर्क में आ गए हैं। बोर्ड में प्रधान मजिस्ट्रेट के साथ दो सदस्यों को शामिल किया गया है। इस प्रकार के बच्चों की जांच के दौरान ओब्र्जवेशन होम व दोष सिद्व होने पर स्पेशल होम में भेजा जाता है।
प्रशिक्षण में मुख्य वक्ता के तौर पर किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य जय प्रकाश कौशिक ने भी अपने विचार रखें और किशोर न्याय बोर्ड की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि बोर्ड में बच्चों के मामले पुलिस द्वारा अथवा स्पेशल जुवेनाइल युनिट के द्वारा पेश किया जाता है और सामाजिक जांच के आधार पर ही बालकों की बेल बोर्ड के द्वारा निर्धारित की जाती हैं। किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार बोर्ड में बालकों के अपराध की श्रेणियों को तीन वर्गो में बांटा गया है, जिनमें छोटे अपराध जिनमे सामान्य कानून के तहत सजा 3 वर्ष से कम का प्रावधान हो, गंभीर अपराध जिनमें सामान्य कानून के तहत सजा 3 वर्ष से 7 वर्ष तक निर्धारित हो और जघन्य अपराध जिनमें सामान्य कानून में सजा 7 वर्ष से अधिक हो, को शामिल किया गया है। अधिनियम के तहत किशोर को अधिकतम 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। किसी भी किशोर को रात के समय पुलिस थाना में नहीं रखा जाएगा।

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